
क्या कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री…?
मध्यप्रदेश में जल्द सत्ता परिवर्तन के संकेत
बरसों बाद फिर से प्रभावशाली नजर आने लगे कैलाश विजयवर्गीय
छोटे भाई के बेटे की शादी समारोह में पीएम मोदी को बुलाकर दिखाया प्रभाव
विजय श्रीवास्तव,
इंदौर। राजनीति में इन दिनों दिल्ली में एक कैबिनेट मंत्री के बंगले में हुई शादी बड़ी चर्चित हो रही है। इस शादी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय कैबिनेट के तमाम बड़े नेता सहित कई प्रदेशों के प्रभावशाली नेता भी शामिल हुए। मौका था भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के भतीजे की शादी का। दिल्ली में कैबिनेट मंत्री नरेंद्र तोमर के बंगले पर हुई कैलाश विजयवर्गीय के छोटे भाई के बेटे के शादी समारोह में केंद्रीय कैबिनट के ज्यादातर मंत्री शरीक हुए।

राजनीति के जानकारों की मानें तो शादी की चर्चा के तीन कारण हैं पहला ऐसे केंद्रीय मंत्री के बंगले पर एक महासचिव के भजीजे की शादी का आयोजन जिससे उनकी कभी नहीं बनीं और अब नजदीकी इतनी हो गई की शादी समारोह जैसे आयोजन तक तोमर के बंगले पर हो रहा है, दूसरा @narendramodi का शादी समारोह में शरीक होना क्योंकि पीएम कभी भी कैलाश विजयवर्गीय के निजी आयोजन में पहले कभी शामिल नहीं हुए इसलिए इसके और भी मायने निकाले जा रहे हैं, और तीसरा कारण है बरसों से बर्फ में लगे महासचिव का शक्तिप्रदर्शन कामयाब रहा।
कहते हैं कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भतीजे की शादी कैबिनेट मंत्री के बंगले में इसलिए की ताकि लोगों को वो ये बता सकें कि उनका भी अच्छा समय जल्द ही शुरू होने वाला है, जिसका आगाज हो गया है। हालांकि इससे पहले कैलाश और तोमर के बीच नहीं रहे हैं अच्छे संबंध, लेकिन अब उनके सुधरने की शुरूआत हो गई है। सूत्रों की मानें तो कैलाश का समर्थन अब सिंधिया और नरेंद्र तोमर दोनों कर रहे हैं। चूंकि ये तीनों नेता मध्यप्रदेश से ही निकले हैं लेकिन बरसों बाद इनकी जुगलबंदी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

राजनीति की समझ रखने वालों की मानें तो कैलाश और मध्यप्रदेश सीएम शिवराज के बीच नहीं सबकुछ ठीकठाक। शिवराज चाहते हैं कि मध्यप्रदेश में उनकी छवि और कद बना रहे जबकि कैलाश विजयवर्गीय भी अब मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं और पीएम मोदी के उनके शादी समारोह में पहुंचने के राजनीतिक गलियारों में मायने निकाले जा रहे हैं कि मोदी भी अब शायद मध्यप्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बदल सकते हैं। हालांकि महासचिव बनने के बाद पिछले 9 सालों से विजयवर्गीय ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है फिर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश में आगामी चुनावों में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
पत्रकार जगत की वरिष्ठ हस्तियों का आकलन ये ही कह रहा है कि अब मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि समय बड़ा बलवान है। ऐसे में ये देखना होगा दिलचस्प की अब समय का चक्र किसका साथ देता है और किसे करता है दरकिनार।
