
क्या चल रहा है मोदी-शाह के मन में ?
मध्यप्रदेश भाजपा में फेरबदल की तैयारी
2023 में 10 विधानसभा चुनावों में गुजरात फॉर्मूला अपना सकती भाजपा
मध्यप्रदेश-राजस्थान-कर्नाटक के नेताओं में नए फॉर्मूले को लेकर चिंता
ब्यूरो। गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के बाद से भाजपा का कॉन्फिडेंस बढ़ गया है। गुजरात में पिछली चुनावों से कहीं अधिक बड़ी जीत के बाद अब आलाकमान मध्यप्रदेश में कई फेरबदल कर सकता है। वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले वहां भी भाजपा गुजरात फॉर्मूला लगा सकता है। भाजपा अब गुजरात की तरह ही युवा और जिताऊ उम्मीदवारों को लेकर दाव खेल सकती है। इसके लिए भाजपा की ओर से नेताओं-र्कायकर्ताओं और मंत्रियों को अंदरखाने सूचना भी जारी हो चुकी है। मध्यप्रदेश और कर्नाटक में अब भाजपा के पुराने और वरिष्ठ नेताओं में इस बात की चिंता साफ नजर आने लगी है कि क्या गुजरात का फॉर्मूला भाजपा उनके राज्यों में भी अपनाएगी? और अगर ऐसा हुआ तो क्या उनका नाम लिस्ट में आएगा या नहीं। इसके लिए अभी से दोनों राज्यों के लोगों ने दिल्ली में अपने-अपने तरीके और साधनों से लॉबिंग करना भी शुरू कर दिया है।
सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में जल्द ही बड़े बदलाव की सुगहबुगाहट चल रही है जिसमें मंत्रियों-विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री तक का नाम शामिल है। वहीं पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के मध्यप्रदेश खेमे के करीब 12 मंत्रियों को भी इस बात का डर सता रहा है कि क्या इस बार चुनावों में कहीं उनका पत्ता तो नहीं कटने वाला। क्योंकि अंदरखाने से आ रही खबरों के अनुसार मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन भी हो सकता है। वहीं मध्यप्रदेश में प्रदेशाध्यक्ष बदलने को लेकर भी दबे सुर में लोगों के बयान कानों तक पहुंच ही रहे हैं। हालांकि नेतृत्व परिवर्तन की बात के मायने निकाल पाना बड़ा मुश्किल है क्योंकि शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और उनके काम करने के तरीके से मोदी-शाह प्रभावित बताए जाते हैं। साथ ही इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में दौरे कर लोगों के बीच फिर से अपना “औरा” बनाने में जुटे हैं इसके लिए मौके पर जाकर लोगों से मिलना और त्वरित समस्याओं का समाधान भी कर अपनी कुर्सी को और मजबूत करने में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि 2023 में 10राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और जम्मू एंड कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जिसके लिए भाजपा ने पहले से ही कमर कसकर तैयारियां शुरू कर रखी हैं। धीरे धीरे कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के तेवर देखते हुए भाजपा अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
बहरहाल इस सब के परे मोदी-शाह के मन में क्या चल रहा है ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन प्रदेश में युवाओं को कितना मौका मिलेगा और मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर क्या होगा उसकी तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी।