
कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका, बनाई हैट्रिक
सुनील जाखड़-हार्दिक पटेल ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, नवजोत सिद्धू को जेल
उदयपुर में मंथन शिविर के बाद और बढ़ी कांग्रेस की चिंता
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। कांग्रेस के नव संकल्प शिविर के बाद एक के बाद एक कांग्रेस को आज तीसरा झटका लगा जब कांग्रेस के नेता सिद्धू को कोर्ट ने जेल की सजा सुनाई। इससे पूर्व उदयपुर में शिविर के दौरान कांग्रेस को पहला झटका लगा जब पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने हमलावर होते हुए कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी थी। अभी एक झटके से कांग्रेस संभल भी नहीं पाई कि शिविर समाप्ति के एक दिन बाद 18 मई को कांग्रेस से लंबे समय से नाराज चल रहे गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इधर कांग्रेस इससे पहले की इस पर मंथन करे या बातचीत का रास्ता निकाले कांग्रेस को पंजाब में एक और बड़ा झटका उस समय लगा जब पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34 वर्ष पुराने रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट सश्रम एक साल के कारावास की सजा सुना दी। यानि कांग्रेस में झटकों की हैट्रिक से एक नया रिकॉर्ड बन गया।
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गौरतलब है कि “भारत जोड़ो” के नारे के साथ संकल्प शिविर का समापन तो हुआ लेकिन कांग्रेस में भारत जोड़ो नारे का कहीं असर नजर नहीं आया बल्कि इसके विपरीत कांग्रेस में बिखराव की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले पांच दिनों में कांग्रेस के लगातार एक के बाद एक तीन बड़े झटके लगे हैं। सबसे लास्ट में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उस समय आउट हुए जब सिद्धू पर 1988 में एक पार्किंग विवाद के दौरान एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
आपको बता दें कि सुनील जाखड़ पंजाब में कांग्रेस का एक मजबूत चेहरा थे। पिछले काफी समय से वो कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। अपनी बातों की अनसुनी के चलते उन्होंने अपने राजनीतिक करियर का सबसे बड़ा फैसला लेकर कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया और भाजपा का दामन थाम लिया। पांच दशकों तक कांग्रेस के मजबूत पिलर रहे सुनील जाखड़ ने पिता बलराम जाखड़ से विरासत में राजनीति पाई लेकिन अपनी मेहनत से सुनील जाखड़ ने इसे और संवारा तथा कांग्रेस में अपनी एक साफ सुथरी छवि बनाई। जाखड़ ने आठ बार चुनाव लड़ा और चार बार में से तीन बार विधानसभा और एक बार लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की।
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कांग्रेस छोड़ते समय सुनील जाखड़ का आरोप था कि पंजाब को जाति-धर्म के नाम पर तोड़ने का विरोध करने को लेकर उन्हें कांग्रेस ने कठघरे में खड़ा कर दिया। मेरे भी कुछ उसूल हैं जिन्हें मैं खुद के लिए भी नहीं तोड़ सकता और जहां मेरे उसूलों पर ही सवाल उठाए जाएं तो फिर वहां कैसे को रह सकता है। इसलिए मैंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा के साथ जाने का फैसला लिया।
हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व किसी मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेता, वहीं गुजरात को लेकर कांग्रेस के रवैये पर भी हार्दिक ने नाराजगी जताई। कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए हार्दिक ने कहा कि पार्टी ने हमेशा मेरा तिरस्कार किया, वहीं कांग्रेस का गुजरात के प्रति ऐसा रवैया है जैसे कि गुजरातियों से उन्हें नफरत हो, कोई गुजराती नहीं सह सकता। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में हार्दिक ने कहा कांग्रेस में सिर्फ विरोध की राजनीति रह गई है।