
नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की जेल
क्या होगा नवजोत सिद्धू के राजनीतिक करियर का ?
विजय श्रीवास्तव,
दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34साल पुराने रोडरेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सिद्धू की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। वैसे तो सिद्धू का मुसीबतों और परेशानियों से चोली-दामन का साथ रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सिद्धू की मुसीबतों ने एक नया ही रूप धारण कर लिया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा में दस साल सांसद रहने के बाद जब से सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा है तब से ही जैसे सिद्धू के पीछे शनि लग गया है।
पहले कैप्टन अमरेंदर सिंह से विवाद के चलते कांग्रेस में सिद्धू को मंत्री पद छोड़ना पड़ा, उसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए हठधर्मिता के चलते सिद्धू की कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी और अब एक सालों पुराने एक केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। उनके राजनीतिक करियर पर आगे प्रश्न चिन्ह लग सकता है।
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किस मामले में हुई सिद्धू को सजा? क्या है पूरा मामला ?
दरअसल सिद्धू पर 1988 से पटियाला की एक पार्किंग विवाद का मामला चल रहा है। जिसमें विवाद के दौरान हाथापाई में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जिसमें डॉक्टरी जांच में सिर में चोट लगने और हार्ट की समस्याओं के चलते बुजुर्ग की मौत होना बताया गया था। सिद्धू पर इसको लेकर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज था। 2006 में पंजाब-हरियाण कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इस पर सिद्धू ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और कोर्ट ने सिद्धू को दोषी बताते हुए 1हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। हालांकि पीड़ित परिवार ने इस मामले में SC में पुनर्विचार याचिका दायर की थी और इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल कारावास की सजा सुनाई है।
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क्या होगा सिद्धू के करियर का ?
इस पूरे प्रकरण में सिद्धू ने अदालत के आदेश के बाद एक बयान जारी कर कहा कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे। ऐसे में अब ये सवाल उठने लगे हैं कि यदि कोर्ट के आदेशों की सिद्धू पालना करते हैं तो क्या उनके राजनीतिक करियर पर विराम लग जाएगा? तो क्या सिद्धू चुनाव नहीं लड़े पाएंगे? इस मामले में हालांकि कई लोगों की अलग-अलग राय हैं।
सिद्धू को लेकर विशेषज्ञों की क्या है राय ?
सिद्धू के राजनीतिक करियर को लेकर यूं तो कई बार प्रश्न उठता रहा है लेकिन इस बार सिद्धू को आपराधिक मामले में सजा के बाद एक बड़ा प्रश्नचिन्ह उन पर लग गया है। सिद्धू को कोर्ट से एक साल के कारावास की सजा हुई है इस बारे में राजनीति के विशेषज्ञों की मानें तो सिद्धू अगर चाहें तो सजा काटते हुए भी कारागार से ही चुनाव लड़ सकते हैं। हां अगर उन्हें यदि दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा होती तो फिर छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती थी।
बहरहाल सिद्धू के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रहा उनका भाग्य उन्हें कहां ले जाएगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये बात तय है कि सिद्धू इस तरह के हथौड़ों के चाटों से राजनीति में परिपक्वता हासिल कर लेंगे।