खाली ट्रक और एक करोड़ की कर चोरी !

खाली ट्रक और एक करोड़ की कर चोरी !

खाली ट्रक और एक करोड़ की कर चोरी !

ट्रक में दिखाया गया 15410 किलो स्क्रेप का तांबा

जबकि ट्रक पूरी तरह से था खाली

फर्जीवाड़े से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की आशंका

15 दिन से एसजीएसटी झालाना कार्यालय में खड़ा है खाली ट्रक

 

विमल कोठारी, वरिष्ठ पत्रकार

 

जयपुर। जीएसटी लागू होने के बाद कर का भुगतान चाहे सुगम व सरल हुआ हो, जीएसटी कानून में आदतन अपराध करने वाला चाहे जेल जाने का पात्र ही क्यों न हो लेकिन जीएसटी कानून की व्यवस्थाओं में गली निकाल कर फर्जीवाड़ा करने वाले फिर भी हेराफेरी से बाज नहीं आ रहे। अब तक वाणिज्य कर विभाग ने चाहे बिना बिल परिवहनित कर रहे ट्रकों को पकड़ा हो या फिर दस्तावेज की कमी के कारण ट्रक पकड़े हों, लेकिन संभवत: यह पहला मामला है, जिसमें विभाग के अधिकारियों ने बिना माल के केवल कागज लेकर जा रहे ट्रक को ना केवल पकड़ा बल्कि दस्तावेज के संबंध में आधा दर्जन नोटिस भी दिए, सुनवाई के लिए मौका दिया पर ट्रक का संचालन करने वाली ट्रासंपोर्ट कम्पनी ने ना तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही अपना पक्ष रखने की अंतिम तिथि तक विभागीय अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुई।

 

मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर फर्जीवाड़े का खुलासा

जानकार सूत्रों से मिली खबर के अनुसार एसजीएसटी जयपुर के जोन-प्रथम सर्किल आई के वार्ड 2 के अधिकारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट-आईटीसी फर्जीवाड़े के बारे में एक गोपनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना पर सक्रिय हुए अधिकारियों ने जयपुर की नीरज टेम्पो ट्रांस्पोर्ट कम्पनी के दिल्ली से जयपुर आ रहे ट्रक संख्या एचआर 55 एके 0112 को 12 मार्च को तड़के 2.45 बजे पांवटा के पास जांच की। जांच में यह ट्रक खाली निकला, पर जीएसटी सिस्टम के अनुसार इस ट्रक में दिल्ली के गाजीपुर की नवीन इंटरनेशनल की ओर से जयपुर के वीकेआई एरिया स्थित मल्होत्रा नगर स्थित फर्म जीएम मेटल को 15410 किलो ताम्बा स्क्रेप परिवहनित किए जाने का ई-वे बिल क्रमांक 771246129223 जारी हो रखा था। यह ई-वे बिल 11 मार्च को शाम 6.16 बजे जारी हुआ था। पूछताछ में ट्रक ड्राइवर ने ऐसे किसी माल के परिवहन से इनकार किया और बताया कि वह तो पानीपत से लौट रहा है, वह तो दिल्ली गया ही नहीं। एसजीएसटी अधिकारियों ने ड्राइवर के बयानों की पुष्टि के लिए पानीपत से पांवटा के रास्तों में पड़ने वाले टोल प्लाजा पर चुकाए गए टोल की जानकारी जुटाई तो पता चला कि जिस समय इस ट्रक को ई-वे बिल जारी करना दिखाया गया है, उस समय यह ट्रक हरियाणा से राजस्थान बॉर्डर के नजदीक था। जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार 11 मार्च को ही इसी ट्रक के नम्बर का उल्लेख कर दोपहर 3.46 बजे 15410 किलो ताम्बा स्क्रेप का एक ई-वे बिल दिल्ली के बिल्लीमारान स्थित शगुन इण्डस्ट्रीज ने जारी कर इस माल को दिल्ली की गाजीपुर की नवीन इंटरनेशनल को भेजना बताया, पर उस समय यह ट्रक हरियाणा से दिल्ली बार्डर के पास भगन टोल प्लाजा के पास चल रहा था।

टोल भुगतान प्रविष्ठियों से हुआ फर्जीवाड़ा प्रमाणित

ट्रक की टोल भुगतान प्रविष्ठियों के आधार पर यह प्रमाणित हुआ कि इस ट्रक में 15410 किलो ताम्बा स्क्रेप कभी लादा ही नहीं गया और यह पूरा मामला फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने व माल का वास्तविक परिवहन दिखाने के उद्देश्य से किया गया है। विभागीय अधिकारियों ने इस ट्रक नम्बर का उपयोग फर्जीवाड़े में उपयोग किए जाने की आशंका में इस ट्रक के नम्बरों का उपयोग कर जाने वाले ई-वे बिलों की पड़ताल शुरू की तो पता लगा कि इस ट्रक में 7 मार्च को भी नवीन इंटरनेशनल ने शाम 6.22 बजे जीएम मेटल के नाम दिल्ली से माल भेजना बताया है, जबकि टोल रसीदों के अनुसार यह ट्रक शाम 6.24 बजकर 20 सैकेण्ड पर शारजांहपुर टोल प्लाजा से निकला। ऐसे में सवाल यह भी उठाता है कि महज दो मिनट में ट्रक दिल्ली के गाजीपुर की नवीन इंटरनेशनल से माल भर कर शाहजांहपुर टोल प्लाजा तक कैसे पहुंच गया। इसी तरह यहीं ट्रक 11 जनवरी को भी शाम 6.18 बजे दिल्ली की आरजे कारपोरेशन से जयपुर की जीएम मेटल के नाम माल भर कर रवाना हुआ पर उस समय की टोल प्लाजा रसीदों के अनुसार यह ट्रक हरियाणा में चल रहा था। परिणाम स्वरूप एसजीएसटी अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण को संदेहस्पद मानते हुए मामले की जांच शुरू की है, जिसके परिणाम अभी नहीं निकले हैं। अधिकारियों ने इस मामले में परिवहन कॉपर स्क्रेप का मूल्यांकन एक करोड़ आठ लाख 17 हजार 820 रुपए करते हुए वाहन स्वामी को 18 फीसदी जीएसटी देयता के आधार पर 19 लाख 47 हजार 207 रुपए 60 पैसा जुर्माना लगाने के संबंध में नोटिस भी दिया है।

 

क्या बोल रहे अधिकारी

एसजीएसटी अधिकारियों ने एक खाली ट्रक पकड़ा है। जिसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कीमत के कॉपर स्क्रेप का परिवहन दिखाया जा रहा था। इस मामले में विभिन्न सूचनाओं के लिए ट्रांस्पोर्ट कम्पनी व माल पाने वाले पंजीकृत खरीददार को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इस पूरे मामले में भारी कर चोरी की आशंका है, जिसकी विस्तृत जांच की जाएगी।

हरफूल सिंह यादव,

अतिरिक्त आयुक्त, एसजीएसटी, जयपुर जोन-प्रथम

CATEGORIES
TAGS
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )

अपने सुझाव हम तक पहुंचाएं और पाएं आकर्षक उपहार

खबरों के साथ सीधे जुड़िए आपकी न्यूज वेबसाइट से हमारे मेल पर भेजिए आपकी सूचनाएं और सुझाव: dusrikhabarnews@gmail.com