फ्रेंड या फाइटर ओमिक्रोन ?

फ्रेंड या फाइटर ओमिक्रोन ?

WHO ने एक बार फिर जारी की चेतावनी, घातक हो सकता “Omicron”

इधर वैज्ञानिक नए वैरिएंट को बता रहे अच्छी खबर

 

विजय श्रीवास्तव।

दिल्ली। बीते दो सालों में कोरोना की दहशत से पूरी दुनिया परेशान रही है और एक बार फिर कोरोना और उससे जुड़े नए-नए वैरिएंट लोगों की फिर से मुसीबत बढ़ा रहे हैं। महीनों तक घरों में बंद बैठे लोगों की परेशानियां धीरे धीरे कम होने लगी ही थीं कि एक बार फिर नए वैरिएंट ने दुनियाभर को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों में एक बार फिर महामारी के चलते लॉक डाउन के हालात बन रहे हैं। भारत में भी कमोबेश कोरोना के नए वैरिएंट से पूरा प्रशासन सकते में है। हालांकि दुनियाभर में नए वैरिएंट से मरने वालों की संख्या काफी कम है और ये ज्यादा घातक भी नहीं बताया जा रहा है। लेकिन हाल ही में कोरोना के इस नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक चेतावनी जारी करते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया है।

WHO की मानें तो जितना ओमिक्रॉन फैलेगा उतने ही ज्यादा इसके भी रूप बदलेंगे। अब यह और अधिक घातक हो सकता  है और यह लोगों की मौत का कारण बन सकता है। WHO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये वायरस डेल्टा से कुछ कम या ज्यादा मौतों का कारण बन सकता है। इससे कुछ और नए वैरिएंट के बन जाने की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है। गौरतलब है कि पूरे यूरोप की बात की जाए तो महामारी के बाद से यहां 10 करोड़ से अधिक लोग फिर कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार 2021 के अंतिम महीने के अंतिम कुछ दिनों की बात करें तो 50लाख से ज्यादा लोगों में इस दौरान संक्रमण पाया गया है।

 

यहां से मिल रही अच्छी खबर

लेकिन इसी बीच इस वायरस को लेकर एक अच्छी खबर भी आ रही है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वैरिएंट बीमार जरूर कर सकता है लेकिन ये पुराने वैरिएंट पर हावी होगा और इससे कोरोना संक्रमण के वायरस को नुकसान पहुंचेगा। ये भी संभावना है कि ये पुराने वैरिएंट को पूरी तरह खत्म कर दे। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना ये भी है कि ये संक्रमण अब हमें छोड़कर जाने वाला नहीं है यानि ये संक्रमण अब हमेशा हमारे साथ रहेगा लेकिन इसके नुकसान ज्यादा नहीं हैं। अन्य बीमारियों की तरह ये भी हमारे आसपास किसी न किसी रूप में रहेगा।

 

वैज्ञानिकों ने दिखाई जीने की राह

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की इम्यूनोलॉजिस्ट मोनिका गांधी की मानें तो ये संक्रमण अब हमारे साथ ही रहेगा और ये वैरिएंट हमारे शरीर की इम्यूनिटी को इतना बढ़ा देगा कि ये महामारी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। एक महीने दक्षिण अफ्रीका में ये वैरिएंट पाया गया था जो वाइडस्प्रेड इन्यूनिटी और कई सारे म्यूटेशन के कॉम्बिनेशन से बना है। इधर WHO के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने अपने ट्वीट में कहा कि “महामारी का वो घातक चरण जो लोगों की मौत और हॉस्पिटलाइजेशन से जुड़ा है, 2022 में समाप्त हो सकता है”

ओमिक्रोन को क्यों घातक नहीं माना जा रहा?

दरअसल कोरोना के पिछले वैरिएंट्स के मुकाबले ओमिक्रोन के कम गंभीर या घातक होने के कई कारक हैं। इसमें वायरस की फेफड़ों को संक्रमित करने की क्षमता की बात भी की जा सकती है। आमतौर पर कोविड इंफेक्शन नाक से शुरू होता होकर नीचे गले में और फिर ‘अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट’ को इंफेक्ट करता है। ऐसे में वायरस के फेफड़ों में पहुंचने के बाद ही गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। डॉक्टरों की मानें तो ओमिक्रोन फेफड़ों को आसानी से संक्रमित नहीं कर पाता है। इसलिए ये वैरिएंट अन्य से कम घातक माना जा रहा है। इधर विशेषज्ञों की मानें तो समझदारी इसी में है कि हम संयम के साथ इस महामारी के नए खतरे का भी सामना करें और अपना सुरक्षा कवच किसी भी हालत में कमजोर ना पड़ने दें तभी हम अपनों को बचा सकते हैं।

व्यापार में भी घाटा

जानकार सूत्रों के अनुसार कोरोना ने यूं तो पूरी दुनिया की कमर तोड़ कर रख दी है। व्यापार में लोगों को इतना घाटा हुआ है पूरी दुनिया की इकोनॉमी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सूत्र बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था कॉलेप्स हो गई। जिससे लोग आज तक भी उबरने को कोशिश कर रहे हैं। करोड़ों परिवार आजतक भी कोरोना से हुए घाटे की भरपाई नहीं कर पाए थे कि दूसरी लहर ने तो लोगों का जीना तक मुहाल कर दिया। अब तो दुनियाभर में देशों की आर्थिकी डामाडोल हो गई है। एक अनुमान के अनुसार कोरोना की पहली लहर में अकेले जयपुर के ज्वैलरी व्यापारियों को करीब 700 करोड़ का घाटा हुआ था।

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