कांग्रेस, भाजपा और अन्य उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला
हालांकि 10 राज्यों की 24सीटों पर होना था मुकाबला लेकिन कर्नाटक और अरुणाचल की
पांच सीटों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके प्रत्याशी
विजय श्रीवास्तव
जयपुर । अगले कुछ घंटों में भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान होने वाला है। दोनों ही दलों ने 8राज्यों में अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए सारे घोड़े खोल लिए हैं। अब दोनों दलों में पार्टियों को क्रॉस वोटिंग रोकने की फिक्र है जिसके चलते दोनों दलों में बाड़ेबंदी का खेल हुआ। हालांकि भाजपा ने इस बाड़ेबंदी को राजस्थान में चिंतन शिविर का नाम दिया है। दोनों ही दल अभी भी किसी न किसी तरह अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपना रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा ने एमपी और गुजरात में कांग्रेस की नाक में दम किया हुआ है। वहीं मणिपुर में कांग्रेस ने एनपीपी का साथ देकर भाजपा को हिसाब बिगाड़ दिया है तो झारखंड में JMM ने महागठबंधन को जिताने का बीड़ा उठाया हुआ है।
एमपी में भाजपा तो राजस्थान में कांग्रेस का पलड़ा भारी
मध्यप्रदेश और राजस्थान में तीन-तीन राज्यसभा सीटों पर चार-चार प्रत्याशी मैदान में हैं। एमपी में भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो वहीं राजस्थान में भाजपा के राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत तो कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी आमने-सामने हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान में अशोक गहलोत का जादू चलता नजर आ रहा है। यहां कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिलने की संभावना है। वहीं मध्यप्रदेश में इसका उलटा है यानि एमपी में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट पर ही जीत से संतोष करना पड़ सकता है।
राजस्थान में होगा क्रॉस वोटिंग का रण:-
राजस्थान में एक बार फिर से अशोक गहलोत की रणनीति काम आएगी। जिसके चलते तीन में दो राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इन चुवानों में भी प्रदेश के सरदार की सूझबूझ से कांग्रेस के दो प्रत्याशी अपनी जीत दर्ज करेंगे। वहीं भाजपा के एक प्रत्याशी को मिलेगी जीत वहीं अगर भाजपा के दूसरे प्रत्याशी औंकार सिंह लखावत कांग्रेस के वोट काटने में कामयाब हुए तो ये भी भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि ही मानी जाएगी।
गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर होगा रोचक मुकाबला:-
प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के गृहराज्य गुजरात में चार राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां भाजपा के अभय भारद्वाज और रमीलाबेन बारा और नरहरी अमीन मैदान में हैं जबकि कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। यहां कांग्रेस के भरत सिंह के लिए कड़ा मुकाबला मानाजा रहा है।
कांटे की टक्कर का मुकाबला नजर आ रहा झारखंड में:-
झारखंड की 2 राज्यसभा सीटों पर 3 उम्मीदवार मैदान में है। यहां एक सीट पर JMM की जीत तय है तो एक सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा में होगी कांटे की टक्कर। JMM से शिबू सोरेन, बीजेपी से दीपक प्रकाश तो कांग्रेस से शहजादा अनवर चुनावों में भाग्य आजमा रहे हैं। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिबू सोरेन की एक सीट पक्की है और आजसू शिबू सोरेन के प्रभाव में भाजपा का गणित बिगाड़ सकती हैद्ध इसलिए माना जा रहा है कि यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला रोचक हो सकता है।
आंध्र में वाईएसआर का पलड़ा भारी, चार सीटों पर हैं पांच प्रत्याशी मैदान में:-
आंध्र में 4 राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। वाईएसआर कांग्रेस की ओर से पिल्ली सुभाष चंद्रबोस, मोपीदेवी वेंकटरमणास, आल्ला अयोध्या रामीरेड्डी और परिमल नत्वानी मैदान में हैं. वहीं, टीडीपी की ओर से वर्ला रामय्या मैदान में हैं। सूत्रों के अनुसार वाईएसआर में परिमल नत्वानी को JM रेड्डी ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के कहने पर टिकट दिया है। नत्वानी दो बार झारखंड से राज्यसभा सदस्य रहे हैं, वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की शीर्ष कोर टीम में भी शामिल हैं।
पूर्वोत्तर में भी कड़ा मुकाबला:-
मणिपुर, मेघालय और मिजोरम की एक-एक राज्यसभा सीटों पर कुल पांच उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। हालांकि मणिपुर में भाजपा के तीन विधायकों के इस्तीफे से यहां भाजपा का चुनावी गणित गड़बड़ा गया है।।