सरोज खान हो गई रुखसत

सरोज खान हो गई रुखसत

सरोज खान हो गई रुखसत

विजय श्रीवास्तव
मुंबई
हर किसी को अपनी ताल पर नाच नाच आने वाली सरोज खान आज हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। सरोज खान को सांस लेने में तकलीफ के चलते 20 जून को मुंबई बांद्रा स्थित गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज तड़के उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सरोज के परिजनों ने मुंबई के ही कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया। आपको बता दें कि 22 नवंबर 1948 में जन्मी सरोज खान ने 3 साल की उम्र में ही बतौर बाल कलाकार “नजराना” फिल्म में किरदार निभाया। जानकारों के अनुसार जन्म से हिंदू निर्मला नागपाल यानी सरोज खान को नृत्य का बड़ा शौक था, जिसके चलते उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में नृत्य गुरु बी. सोहनलाल से शादी कर ली और फिर अपने पति से ही उन्होंने अपने नृत्य की आगे की शिक्षा ली।


भारत पाक विभाजन के समय पाक से भारत आए साधु सिंह और नोनी साधु सिंह की बेटी सरोज खान ने एक ग्रुप डांसर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। सरोज ने बतौर कोरियोग्राफर 2000 से भी अधिक गानों पर अपनी छाप छोड़ी, उन्होंने “हवा हवाई” से “डोला रे डोला” तक गानों को यादगार बनाया। सरोज ने फिल्म तेजाब, बेटा, मिस्टर इंडिया, चालबाज, चांदनी, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे और फिल्म देवदास के गानों को अपनी मशहूर कोरियोग्राफी से संवारा। सरोज खान ने फिल्म “गीता मेरा नाम” से अपने फिल्मी कोरियोग्राफर करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें “मिस्टर इंडिया” में श्रीदेवी के लिए “हवा-हवाई” गाने से ख्याति प्राप्त हुई। इसके बाद सरोज ने फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और एक के बाद एक फिल्मों में सुपरहिट कोरियोग्राफी उन्हें प्रसिद्धि की बुलंदियों पर ले गई। सरोज खान की फिल्म “तेजाब” में 123 फिल्म “थानेदार” में तम्मा तम्मा लोगे और फिल्म “बेटा” में धक-धक करने लगा के लिए सुपरहिट कोरोग्राफी को दर्शकों ने जबरदस्त सराहा। सरोज ने फिल्म “कलंक” के लिए अपनी अंतिम कोरोग्राफी की।

सरोज खान को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और कई फिल्मफेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया, साथ ही उन्हें अमेरिकी कोरियोग्राफी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। सरोज खान को 2002 में फिल्म देवदास और 2007 में फिल्म जब वी मेट फिल्में बेस्ट फोटोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें फिल्म गुरु, देवदास, हम दिल दे चुके सनम, खलनायक, बेटा, तेजाब, सैलाब और चालबाज के लिए भी सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर के तौर पर फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सरोज खान को फीचर फिल्म में उत्कृष्ट उपलब्धि “लगान” और “वंस अपॉन ए टाइम इन इंडिया” के लिए अमेरिकी कोरोग्राफी अवार्ड प्रदान किया गया था। सरोज खान बतौर जज भी कई रियलिटी शो में शामिल हुईं, उन्होंने “नच बलिए” “उस्तादों के उस्ताद” और “नचले विद सरोज खान” जैसे प्रमुख टीवी रियलिटी शो में बतौर जज काम किया।

सबके जीवन में अच्छा और बुरा समय आता है, ऐसा ही एक समय सरोज खान की जीवन में भी आया जब उन्हें फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया था, तब 2019 में सलमान खान ने उन्हें अपनी अगली फिल्म “दबंग 3” में काम करने का ऑफर दिया।

बहरहाल काफी स्ट्रगल के बाद सरोज खान अब हमारे भी मौजूद नहीं हैं। एक-एक करके बॉलीवुड के कलाकार वर्ष 2020 में दुनिया को अलविदा कह गए, जो बॉलीवुड के लिए वाकई एक दुखद घड़ी है। पहले इरफान खान फिर ऋषि कपूर उनके बाद संगीतकार वाजिद अली की मौत की खबर से सिने प्रेमी अभी तक उबर भी नहीं पाए थे कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर ने फिल्म जगत को एक और झटका दिया। अब सरोज खान जैसी बेहतरीन कोरियोग्राफर के निधन से फिल्म जगत को उबरने में काफी वक्त लगेगा, उनके निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर है।
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