आर्किटेक्चर का नायाब नमूना वर्ल्ड ट्रेड पार्क बैंक डिफॉल्टर!

आर्किटेक्चर का नायाब नमूना वर्ल्ड ट्रेड पार्क बैंक डिफॉल्टर!

आर्किटेक्चर का नायाब नमूना वर्ल्ड ट्रेड पार्क बैंक डिफॉल्टर!

विजय श्रीवास्तव
जयपुर। वर्ल्ड ट्रेड पार्क वैसे तो कई बार चर्चा का विषय रहा है, कभी इसकी बनावट, कभी इसके विशाल रूप, कभी इसके आर्किटेक्चर की मिसाल के रूप में तो कभी इसकी खरीद-फरोख्त पर बड़े बिजनेस टाइकून की नजरों को लेकर। लेकिन इस बार डब्ल्यूटीपी अपनी नीलामी की कहानी को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। जयपुर का यह मॉल अन्य मॉल्स के लिए आदर्श साबित होगा इसी सोच के साथ डब्ल्यूटीपी की नींव रखी गई थी, लेकिन कई परेशानियों और कई घाटों के बाद 20000 वर्ग गज इलाके में फैला जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार जयपुर की शान और जयपुर को विश्व में एक अलग ही पहचान दिलाने वाला यह मॉल आज नीलामी की कगार पर पहुंच गया है।

डब्ल्यूटीपी के बारे में और इसके आर्किटेक्चर के बारे में जितनी तारीफ की जाए कम है। लेकिन आज इसकी एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि इसके कुछ हिस्से पर बैंक लोन लिया गया था और किन्हीं परिस्थितियों वश बैंक की उधारी ब्याज सहित इतनी बढ़ गई कि आज नौबत इसकी नीलामी तक आ पहुंची है। गौरतलब है कि इस मॉल के आर्किटेक्ट और संस्थापक अनूप बरतरिया के पास आज WTP के करीब करीब 90% शेयर हैं। अनूप भी इस मामले में अब तक चुप्पी साधे बैठे हैं, यानी उनकी तरफ से भी इस नीलामी को लेकर कोई जवाब नहीं आया है।

दरअसल मंदी और कोरोना की मार वैसे तो पूरा देश और प्रदेश भुगत रहा है लेकिन डब्ल्यूटीपी की दो मंजिलें ए और बी का भी काफी बड़ा भाग लगभग 55000 वर्ग फीट एरिया बैंक का कर्ज नहीं दे पाने के चलते नीलामी की प्रक्रिया में आ चुका है। जानकार सूत्रों के अनुसार डब्ल्यूटीपी की दो मंजिलें मंजिलों पर पहले मालिकाना हक RF ट्रेडर्स के पास था जिस पर यूको बैंक से करीब ₹17 करोड़ का लोन लिया गया जो बढ़कर फिलहाल ₹20 करोड़ का बताया जा रहा है। बैंक ने पैसों की उगाही के लिए कई नोटिस भी जारी किए लेकिन किसी का जवाब नहीं मिलने पर बैंक को यह कार्यवाही करनी पड़ी। अब बैंक ने मॉल के कब्जे/ लोन लिए इलाके की नीलामी निकाल दी है। ऐसे में मॉल के संस्थापक अनूप बरतरिया भी कोई जवाब देने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं। कोरोना की मार झेल रहे राजस्थान में कमोबेश सभी बड़े मॉल्स का यही हाल है, यहां तक कि बिल्डर भी बैंकों का ऋण चुकाने में फिलहाल डिफॉल्टर होते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि एक समय ऐसा भी था जब आईसीसीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासन WTP को खरीदने के इच्छुक थे और यह चर्चा थी कि उन्होंने इसके लिए काफी बड़ी रकम ऑफर भी की थी।

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