संवेदनशील गहलोत सरकार

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आए, दुरुस्त आए!

कोरोना संक्रमितों की देह मिल सकेगी परिजनों को

 

विजय श्रीवास्तव

जयपुर।
आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश वासियों के लिए अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए प्रदेशवासियों की भावना को ध्यान में रखकर एक बार फिर ऐसा फैसला किया है जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेशवासियों के दर्द को समझते हुए कोरोना संक्रमित शवों को उनके परिजनों को सौंपने का निर्णय लिया है। गहलोत के इस निर्णय की प्रदेश भर में चर्चा है ।

अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब कोरोना संक्रमितों की देह परिजनों को सौंपने का निर्णय लेकर गहलोत ने यह साबित कर दिया है कि वाकई वो प्रदेश की जनता को परिवार मानते हैं। यानी गहलोत पूरे प्रदेश की जनता को अपना परिवार मानकर उनका दर्द बंटाने में जुट गए हैं। हालांकि उन्होंने अपने संदेश में यह भी लिखा है कि परिजनों को अंतिम संस्कार में पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल का ध्यान रखना पड़ेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने गाइडलाइन भी जारी की है, जिसमें पारदर्शी बैग जिसमें संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजन देह को उनके चाहे शमशान या कब्रिस्तान में ले जा सकेंगे। मृतक की देह कैसे और कब मिलेगी? इस बारे में प्रशासन सूचना जारी करेगा। यहां तक की देह को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए भी अब किसी की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।

ऐसा निर्णय कर मुख्यमंत्री वाकई एक बार फिर से प्रदेश की जनता के दिलों दिमाग में छा गए हैं। गहलोत के इस निर्णय से ना सिर्फ लोग अपनों के करीब रह पाएंगे बल्कि अभी तक जो उन्हें मृतक का शरीर नहीं मिलने की टेंशन होती थी वह भी समाप्त हो गई है। यानी गहलोत ने लोगों की मन की व्यथा को भली-भांति समझ कर यह सराहनीय कदम उठाया है। हालांकि इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुका है लेकिन अब यह गाइडलाइन प्रदेश में भी पूरी तरह से लागू हो जाएगी, और परिजन अपने कोरोना संक्रमित मृतक की देह का अंतिम संस्कार कर पाएंगे।

गौरतलब है कि अभी तक कोरोना संक्रमित मृतकों की देह की स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही अंतिम क्रिया इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह या मोक्ष धाम में की जाती थी। क्योंकि अभी तक इस बात का भ्रम था कि संक्रमितों के अंतिम संस्कार से भी संक्रमण फैल सकता है। कई परिजन तो संक्रमित की देह लेने से मना कर देते थे। अतः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की मदद से इसको लेकर दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिसके कारण अब परिजनों को देह मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ मिल सकेगी।

बहरहाल कोरोना संक्रमित मृतक कि देह मिलने की बात से लोगों में इस बात की संतुष्टि तो जरूर नजर आ रही है कि उन्हें अब अपने मृतक परिजन को यूं लावारिस छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा और परिजन कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार खुद कर पाएंगे।

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