विजय श्रीवास्तव
जयपुर। कोरोना काल में राजस्थान में एक बार फिर से प्रदेशवासियों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। प्रदेशवासियों की जीवन रेखा को जोड़कर रखने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के 30 सितम्बर को रिटायर होने के कारण प्रदेश सरकार के लिए एक और परेशानी अब खड़ी होने वाली है। दरअसल प्रदेश में बढ़ते कोरोना के प्रकोप से सभी परेशान हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार ऐसे में करीब ढाई हजार डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति से प्रदेश में इस महामारी का कैसा तांडव होने वाला है? इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
सरकारी खजाने पर पड़ेगा अरबों का भार:
चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति से राज्य सरकार का खजाना जो फिलहाल वैसे ही कोविड काल में आर्थिक संकट से जूझ रहा है, पर अरबों का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है। जानकारों की मानें तो डेढ़ से दो लाख वेतन लेने वाले डॉक्टर्स को रिटायरमेंट पर सरकार को करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए तक भुगतान करना होगा। जिसमें डॉक्टर्स को जीपीएफ, ग्रेच्युटी, एडवांस सैलरी और छुट्टियों का बकाया पैसा सहित अन्य कटौती जो राज्य सरकार द्वारा की जा रही थी, का भुगतान करना होगा। वहीं पैरामेडिकल स्टाफ के रिटायरमेंट पर भी करीब 30 से 40लाख तक का प्रति कर्मचारी सरकार को भुगतान करना होगा। ऐसे में अगर 1000 डॉक्टर्स और 1500 पैरामेडिकल स्टाफ सेवानिवृत्त होते हैं तो सरकार को अरबों रुपए खजाने में से इन्हें देने होंगे। एक अनुमान के अनुसार लगभग 15 अरब रुपए का भार राज्य सरकार के खजाने पर आने वाला है!
सेवानिवृत्ति एक्सटेंशन है इसका एकमात्र उपाय:
सरकार के पास कोविड काल में डॉक्टर्स की कमी और सरकारी खजाने पर भार की दोहरी मार से बचने के लिए अब सिर्फ एक ही रास्ता नजर आता है। सरकार के पास डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति को एक्सटेंशन देने के अलावा और कोई दूसरा उपाय नहीं है।
कई डॉक्टर्स नहीं चाहते एक्सटेंशन:
जानकारी के अनुसार 30 सितंबर 2020 को कई डॉक्टर सेवानिवृत्ति की तारीख में एक्सटेंशन नहीं चाहते। जानकार सूत्रों के अनुसार बल्कि ये डॉक्टर समय से पहले ही रिटायरमेंट लेने के लिए लाखों रुपए तक खर्च करने को तैयार हैं। क्योंकि रिटायरमेंट पर मिलने वाले पैसे से ये डॉक्टर अपना खुद का क्लीनिक या अस्पताल शुरू करने की प्लानिंग कर चुके हैं।
पहले भी सरकार दे चुकी है एक्सटेंशन:
हालांकि गहलोत सरकार ने कोविड काल और पैरामेडिकल स्टाफ-डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए मार्च 2020 में भी इनकी सेवानिवृत्ति को 6 माह का एक्सटेंशन दे दिया था। जिसका समय 30 सितंबर 2020 को समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि अब सरकार को सेवानिवृत्ति एक्सटेंशन बढ़ाने के लिए आज-कल में ही निर्णय लेना होगा। क्योंकि 30 सितंबर के बाद बिना नए आदेश के ये चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ सेवानिवृत्त हो जायेंगे और प्रदेशवासियों को पैरामेडिकल और डॉक्टरों की कमी से जूझना पड़ेगा। बहरहाल राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है जो कि प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। ऐसे में सरकार को तुरंत ही कोई निर्णय लेना होगा।