
रीट परीक्षा, चप्पल में ब्लूट्रूथ लगाकर नकल करवाने वाले गिरोह पकड़ा
6लाख रुपए तक में बेची गिरोह ने चप्पल
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
बीकानेर। प्रदेश में करीब 26लाख अभ्यर्थियों को भविष्य दाव पर लगा है। आज प्रदेश में राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के साथ नकल कराने वाले गिरोह भी सक्रिय नजर आया। रविवार को परीक्षा शुरू होते ही प्रदेश में अलग-अलग जिलों में कार्रवाइयों में नकल गिरोह से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया। आज नकल करने का सबसे अनोखा मामला बीकानेर में सामने आया। जहां अभ्यर्थियों को चप्पल में ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर ईयर बग के जरिए नकल करवाने वाले 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्त में लिया है।
दरअसल बीकानेर के गंगाशहर में विशेष सतर्कता टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। आरोपी चप्पल में डिवाइस लगाकर अभ्यर्थियों को नकल कराने में जुटे थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपियों ने डिवाइस लगी चप्पल करीब 6 लाख रुपए में अभ्यर्थियों को बेची थी। जानकार सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रदेशभर में करीब 25 लोगों को चप्पलें बेची गईं। हालांकि पुलिस ने इस जानकारी को प्रमाणित नहीं किया है।
बीकानेर पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने बताया कि मालमे में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग चप्पल में डिवाइस लगाकर परीक्षा केंद्र पर नकल कराने की कोशिश में जुटे हुए थे। इनसे कई महत्वपूर्ण सामान भी मिले हैं, जो नकल में काम आते हैं। यह कार्रवाई गंगाशहर पुलिस और डीएसटी टीम ने मिलकर की है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह इंदोरिया तीनों युवकों से पूछताछ कर रहे हैं। इंदोरिया ने बताया कि गिरफ्तार युवकों ने डिवाइस लगी चप्पलें तैयार की थीं। फिलहाल पुलिस पता लगा रही है कि इन्होंने किस-किस स्टूडेंट्स को चप्पल देकर परीक्षा केंद्रों पर भेजा है। पुलिस ने ओम प्रकाश, मदन व त्रिलोक नामक तीन युवकों को पकड़ा है। ये सभी चूरू जिले के रहने वाले हैं। वहीं एक आरोपी तुलसीराम कलेरा को नामजद किया गया है। जो पहले भी नकल के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। कलेरा बीकानेर में कोचिंग संस्थान चलाता था।
इधर थानाधिकारी राणीदान ने बताया कि पूरे घटनाक्रम का खुलासा बारह बजे बाद किया जाएगा। बीकानेर पुलिस ने नकल पर काबू पाने के लिए अपनी साइबर टीम को सक्रिय किया हुआ था। जैसे ही नकल का कोई इनपुट आ रहा है, वैसे ही उसे तत्काल चैक किया जा रहा है। इसी प्रयास के बीच गंगाशहर पुलिस को यह सफलता मिली है।