
मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं:भूपेंद्र यादव
मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं, जन आशीर्वाद यात्रा व्यक्तिगत नहीं, यह पार्टी का है कार्यक्रम सब के सहयोग से हुआ है सफल : भूपेंद्र यादव
-विजय श्रीवास्तव-
जयपुर। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान खुद को प्रदेश में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर बताते हुए कहा कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं, ये पूरी तरह पार्टी का कार्यक्रम है जिसेज जनता का भरपूर प्यार मिला है। इस तरह का समर्थन देखकर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की विदाई तय हो चुकी है।
उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर प्रोजक्ट किए जाने के सवाल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा उनका निजी कार्यक्रम न होकर पूरी तरह से पार्टी का कार्यक्रम था।सब के सहयोग से ही यह सफल हुआ है।
जन आशीर्वाद यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को अजमेर स्थित मेरवाड़ा एस्टेट में वह मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने 24 किलोमीटर की जन आशीर्वाद यात्रा पूरी की है इसके तहत एक लाख 21 हजार लोग जुड़े हैं और यात्रा के दौरान 75 सभाएं तथा 7 रैलियों का आयोजन हुआ।
श्रम मंत्री ने यादव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का सर्वे का कार्य कराया जा रहा है और अगस्त के अंतिम सप्ताह में वेबसाइट जारी की जाएगी जिसके माध्यम से प्रवासी मजदूर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उन्हें बीमा का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नए श्रम कानून के बारे में उन्होंने कहा कि चार श्रेणियों में उन्हें बांटा गया है। इसके क्रियान्वयन के लिए कुछ राज्यों ने नियम बना लिए हैं और कुछ राज्यों को नियम बनाने हैं।
उन्होंने कहा कि बजरी के मामले को लेकर उन्हें शिकायतें मिली है और आने वाले समय में प्रदेश में बजरी के विवाद को सुलझाने के लिए वह प्रयास करेंगे। उन्होंने अजमेर स्मार्ट सिटी के कार्यों में हो रही गड़बड़ी को गंभीरता से लिया और कहा कि इसको लेकर शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी के साथ बातचीत की गई है और आने वाले समय में स्मार्ट सिटी के कार्यों में हो और रही गड़बड़ियों की जांच कराई जाएगी और इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष ने जो रवैया अपनाया वह दुर्भाग्यपूर्ण था। सदन नहीं चलने देना, उसे बाधित करना सबसे ज्यादा दुखद था। मोदी ने सरल, समावेशी मंत्रीमंडल का गठन किया और विपक्ष ने नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं होने दिया तो प्रधानमंत्री ने सर्वहित में सभी नए मंत्रियों की अपने अपने क्षेत्र में यात्रा निकालने का मार्ग सुझाया। क्योंकि कांग्रेस और विपक्ष के लोग टेबल पर चढ़ गए, कागज फाड़ दिए। ये सब राज्यसभा में कृषि पर चर्चा के दौरान हुआ जिसे चलने नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र का सबसे विभत्स दृश्य रहा। सारी मर्यादाओं को गिराने का काम विपक्ष ने किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को विरोध का अधिकार है लेकिन यह अधिकार नहीं कि वह मर्यादा अपने हाथ में ले लें।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की जो परिकल्पना की है उसे सभी को मिलकर पूरा करना है। जन आशीर्वाद यात्रा भी इसी दिशा में एक कदम है और मुझे खुशी है कि मेरी यात्रा का अंतिम पड़ाव मेरे अपने शहर अजमेर से हुआ है जिससे मेरा भावनात्मक रिश्ता भी रहा है।
आशीर्वाद यात्रा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल सरीखे बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी को लेकर उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम राजे की बेटे की पत्नी बीमार होने के कारण वे यात्रा में नहीं आ सकी हैं इसके अलावा सभी नेताओं का आशीर्वाद यात्रा में भरपूर सहयोग मिला है। इस दौरान अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक अनिता भदेल, महापौर बृजलता हाड़ा, उपमहापौर नीरज जैन सहित कई भाजपा पदाधिकारी, नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।