
दुनियाभर में सोलो ट्रेवलिंग का क्रेज, राजस्थान बेस्ट डेस्टिनेशन
राजस्थान में भी बढ़ रहा सोलो ट्रेवलिंग/सोलो पर्यटन
क्या है सोलो ट्रेवल/ पयर्टन
सोलो ट्रेवल/पर्यटन में राजस्थान कैसे बना बेस्ट डेस्टिनेशन
राजस्थान में घूमने फिरने के साथ-साथ सुरक्षा की गारंटी, परंपरा और संस्कृति को समझने का मौका
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। राजस्थान यानि पर्यटकों के लिए घूमने-फिरने, खाने-पीने और मौज-मस्ती (solo traveling) के साथ साथ नई नई परंपराओं को सीखने का डेस्टिनेशन। पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है राजस्थान यानि मरूधरा। राजस्थान (rajasthan) में पर्यटक अकेले भी घूमने आते हैं जिसे पर्यटन की भाषा में सोलो पर्यटन या सोलो ट्रेवल (solo travel) भी कहते हैं। देशभर में पर्यटकों की संख्या के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ राजस्थान में पिछले एक साल में 18 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक (Tourist) घूमने आए, जो कि अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। सुरक्षित और रोमांच से भरपूर राजस्थान में सोलो ट्रेवल अब तेजी से बढ़ रहा है।
आजकल लोगों का मन घूमने का होता है तो वो अकेले ही डेस्टिनेशन का रोड मैप बनाकर घूमने निकल पड़ते हैं। यूं तो हर देश में सोलो ट्रेवल का प्रचलन बढ़ रहा है। लेकिन भारत और उसमें भी राजस्थान में सोलो ट्रेवल काफी सुरक्षित और रोमांचक होने के चलते लोग घूमने के लिए राजस्थान को अपनी पहली पसंद बना रहे हैं।
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सोलो ट्रेवल की कहानी दलीप सिंह राठौड़ की जुबानी… 
राजस्थान पर्यटन विभाग के उप निदेशक दलीप सिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में सोलो ट्रेवल इन दिनों का काफी प्रचलन में है। यहां तक कि पिछले वर्ष ट्रेवल एंड लीजर ने सोलो वीमेन ट्रेवल के लिए राजस्थान के लेक सिटी यानी उदयपुर शहर (Lake City Udaipur) को देश में 11वां और साल 2022 में टूर एंड ट्रैवल कंपनी ट्रैवल ट्राइंगल ने उदयपुर को बेस्ट सोलो फीमेल डेस्टिनेशन में देश में तीसरा सबसे सुरक्षित स्थान बताया है।
आपको याद होगा एक कहानी थी “अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेज” इस कहानी में एक व्यक्ति इंग्लैंड से अकेला ही दोस्तो से शर्त लगा कर विश्व को घूमने के लिए निकल गया। साथ में एक शर्त भी वो लेकर निकला कि कि उसे 80 दिन में पृथ्वी का चक्कर लगाकर वापस इंग्लैंड पहुंचना था जहां उसने अपने दोस्तों से शर्त लगाई। ऐसा कहा जाता है कि वो शायद पहला सोलो ट्रैवलर था।
आज भी सोलो ट्रेवलिंग यथावत जारी तो है पर लोगों की शर्तें अब नहीं रह गई हैं। अब लोग अपने छोटे-छोटे टूर बनाकर अकेले कहीं भी वीकेंड या मंथ एंड पर जाकर पर्यटन का आनंद ले रहे हैं। यानी पर्यटन में अब एक नया ट्रेंड सोलो ट्रेवलिंग चल पड़ा है। सोलो ट्रेवल में लोग अपने शहर के आसपास के 200 किलोमीटर तक के पर्यटक स्थलों को देखने के लिए आसानी से वीकेंड का प्रोग्राम बनाकर घूमने जाने लगे हैं।
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कैसे करें सोलो ट्रेवल की प्लानिंग
राजस्थान पर्यटन विभाग के उप निदेशक दलीप सिंह राठौड़ ने बताया कि घूमने का प्लान पहले बना लें और बुकिंग कर लें। उसके बाद अपने सपनों के संसार के लिए निकल पड़ें एक जुनून के साथ अपने सपने सच करने के लिए।
सोलो ट्रेवलिंग में प्लानिंग करना क्यों है जरूरी
किसी भी काम के लिए जैसे प्लानिंग जरूरी होती है वैसे ही घूमने के लिए भी प्लानिंग करनी चाहिए। कार्यक्रम से पूर्व भ्रमण स्थल की जानकारी हासिल कर उसका पूरा प्लान बनाना बहुत आवश्यक है। जब आप सोलो ट्रैवलर हो तो यह और भी आवश्यक हो जाता है। यदि आप महिला है तो आप अपनी प्लानिंग पूर्ण करें, बुकिंग करें जगह के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। क्योंकि अनजान जगह जाने पर आपको कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं, उसके लिए उस स्थान की जानकारी पूर्ण होनी जरूरी है।
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कैसे पहुंचे पर्यटक स्थलों तक, क्या होगा रोमांचक
पर्यटक स्थान को पूरा जानने के लिए पैदल घूमने का भी एक अलग ही मजा है। यात्रा के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। इसमें किराया भी कम लगेगा और सुरक्षा के लिए भी यह सही रहेगा।
रात के समय कम से कम बाहर निकलें क्योंकि कभी दिक्कत आ सकती है। जहां तक हो रात की यात्रा ट्रेन से करें, और हो सके तो सुनसान जगहों से बचें, भीड़ भरे बाजार की गलियों में घूमें, जिससे कोई समस्या हो तो आपको सहायता मिल सके।
रुकने के लिए पहले से दो तीन ऑप्शन तलाश कर रखें
पर्यटन में सबसे अहम बात जो ध्यान में रखने की है वो है ठहरने की व्यवस्था। यानी शाम को घूमने फिरने के बाद रुकना कहां है यह सुनिश्चित कर लें। आप जिस शहर में घूमने जा रहे हैं वहां रुकने के लिए कई ऑप्शंस हो सकते हैं।
इसमें बजट होटल और होम स्टे यानी पेइंग गेस्ट हाउस जो है वह काफी अच्छी चॉइस हो सकती है। साथ ही अगर आप राजस्थान में हैं तो पर्यटन विभाग और आरटीडीसी के होटल्स और गेस्ट हाउस की एक लंबी सूची है जहां ठहरना पर्यटकों के लिए सुविधाजनक हो सकता है।
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राजस्थान कैसे बना पर्यटन का पर्याय…!
2023 में राजस्थान में पहुचे 18 करोड़ से ज्यादा पर्यटक
प्रतिदिन 5 लाख से ज्यादा पर्यटक आए जयपुर
राजस्थान में धार्मिक पर्यटन पहले नम्बर पर, विरासत दूसरे नम्बर पर तो जंगल पर्यटन रहा तीसरे नम्बर पर
राजस्थान में 2023 में टूट गए पर्यटकों की आवक के पिछले सारे रिकॉर्ड, राजस्थान बना पर्यटन में सिरमोर
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सोलो ट्रेवलिंग के समय इन बातों को रखें ध्यान
- यात्रा पर निकलने से पहले रिसर्च और प्लानिंग कर लें।
- अपने साथ जरूरत से ज्यादा समान न रखें।
- अपने दोस्तों और जानकारों की इमरजेंसी कॉन्टैक्ट की लिस्ट बनाकर हमेशा साथ रखें।
- अपने साथ ज्यादा कैश न रखें, कार्ड, यूपीआई जैसे तरीकों को काम में लें।
- यात्रा के दौरान रास्ता ढूंढने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करें।
- यात्रा के दौरान सुनसान जगहों पर अकेले जाने से बचें।
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राजस्थान में पर्यटक स्थल
- जयपुर: हवामहल, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल, म्यूजियम, बापू बाजार, नेहरू बाजार, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार, गोविंददेवजी मंदिर, नाहरगढ़, आमेर महल, जलमहल, जयगढ़ फोर्ट, नाहरगढ़ बायोलॉजीकल पार्क, नाहरगढ़ लॉयन सफारी, झालाना डूंगरी पेंथर सफारी, सांभर झील।
- सवाईमाधोपुर: रणथंभौर: टाइगर सफारी, विश्व प्रसिद्ध गणेश मंदिर
- अजमेर: पुष्कर, तारागढ़ फोर्ट, ख्वाजा मुइनुद्दनी चिश्ती दरगाह शरीफ, मकराना सफेद मार्बल के लिए प्रसिद्ध,
- उदयपुर: लेक पैलेस, पिछोला झील, फतेहसागर, हल्दीघाटी, सहेलियों की बाड़ी, धूत तलाई, सुखाड़िया सर्किल, नाथद्वारा, राजसमंद, कुंभलगढ़ फोर्ट, जग मंदिर, उदय सागर झील, जगदीश मंदिर, मानसून पैलेस, स्वरूप सागर और स्पीड मोटर बोटिंग फतेहसागर जयसमंद झील, बेणेश्वर धाम बांसवाड़ा।
- माउंट आबू: गुरु शिखर, दिलवाड़ा जैन मंदिर, नक्की झील में नौकायन, पीस पार्क, माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य।
- जोधपुर: मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन पैलेस, मंडोर गार्डन, कल्याण झील और गार्डन, सरदार समंद झील और मसुरिया हिल्स
- जैसलमेर: जैसलमेर किला, सैम रेत के टीले, गाडीसागर झील, ऊंट सफारी, लोंगे वाला तनोट माता मंदिर।
- बीकानेर: जूनागढ़ फोर्ट, करणी माता मंदिर,
- सीकर: राणी सती मंदिर, देवगढ़ किला, लोहोगढ़, हर्ष की पहाड़ी, सालासर बालाजी, जीण माता, खाटू श्यामजी मंदिर
- कोटा: दुनिया के सात अजूबे, ऑक्सीजन पार्क, चंबल रिवर फ्रंट, बूंदी का किला,
- भरतपुर, मेहंदीपुर बालाजी, गोवर्धनजी, भरतपुर पैलेस और संग्रहालय, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, लोहागढ़ किला, डीग।
- अलवर: भूतों का भानगढ़ किला, सरिस्का टाइगर रिजर्व, पांडुपोल, करणी माता मंदिर, सिलीसेढ झील
- पाली: ओम बन्ना मंदिर, रणकपुर जैन मंदिर
- चित्तौड़गढ़: चित्तौड़गढ़ किला, सांवलिया सेठ का मंदिर, कुंभस्वामिनी मंदिर, कालिका माता मंदिर, कीर्ति स्तंभ, विजय स्तंभ, राणा कुंभा का महल, फतेह प्रकाश महल, रानी पद्मिनी का महल।
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राजस्थान में RTDC की प्रमुख होटल्स
- जयपुर, आरटीडीसी होटल गणगौर और तीज, होटल खासा कोठी, जयपुर अशोक एंड फॉरेस्ट लॉज
- उदयपुर आरटीडीसी होटल काजरी,
- जैसलमेर आरटीडीसी होटल मूमल
- बीकानेर होटल ढोला मारू
- जोधपुर होटल घूमर
- अजमेर होटल खादिम
- सवाई माधोपुर कोटा भरतपुर होटल सारस
- भरतपुर होटल झूमर बावड़ी और
- सवाई माधोपुर होटल विनायक
- भरतपुर तथा आनंद भवन उदयपुर,
- अलवर: होटल सिलिसेढ,