
प्रदेश में अब तक नहीं हुई जिला-ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति
31 जुलाई तक होना था जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का निर्णय
सीएम गहलोत और पायलट के बीच खटास माना जा रहा कारण
-विजय श्रीवास्तव-
जयपुर। प्रदेश की सियासत में फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शायद यही कारण है कि गहलोत सरकार के दो साल पूरा हो जाने के बाद भी अब तक राजनीतिक नियुक्तियों की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही राजनीतिक तनातनी का प्रदेश के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर गहरा असर हुआ है। जिसके चलते प्रदेश में कई जिलों में विकास कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। अब इन दोनों के बीच खींचतान के कारण कांग्रेस संगठन में जिला और ब्लॉक स्तर पर नियुक्तियां फिर से अटक गई हैं। जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। यही नहीं मंत्रिमंडल फेरबदल के बारे में हाईकमान भी कोई निर्णय कराने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार भी फिलहाल जल्दी हो पाना संभव नजर नहीं आ रहा है।

सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत
प्रभारी अजय माकन ने हाल ही में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ फीडबैक लिया। इसमें जिलाध्यक्षों को लेकर भी राय ली गई। उल्लेखनीय है कि प्रदेश पदाधिकारी प्रभारी माकन को जिलाध्यक्षों के नाम का पैनल भेज चुके हैं, लेकिन जिलाध्यक्षों की घोषणा तय रणनीति के तहत नहीं की जा रही।
