
क्या कहते हैं श्रीराम नाम के रामसेतु के पत्थर!
रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों के होंगे दर्शन…
जयपुर। भारत ही नहीं बल्कि समस्त ब्रह्मांड बेसब्री से रामलला के आगमन के लिए आतुर है, श्री राम के लिए तैयारियां अयोध्या में तो जोरशोर से हो रही हैं वहीं जयपुर के खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थरों को छूकर, उसका पूजन कर साक्षात भगवान श्रीराम की मौजूदगी का एहसास और अनुभव होगा।
22 जनवरी को रामलल्ला की विशेष पूजा अर्चना
रामसेतु के 7 अद्भुत तैरते पत्थरों को एक कुण्ड में स्थापित किया गया है, जो राम नाम के साथ सदैव तैरते रहते हैं। ये सारे पत्थर बहुत से लोगों के संकलन का हिस्सा है जो बरसों से सहेज कर रखे गए थे। 22 जनवरी को रामलला की अयोध्या में स्थापना वाले दिन सभी 7 पत्थरों की उपस्थित पर्यटकों तथा पंडितों द्वारा विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाएगी।
पत्थरों की शक्ति
कभी-कभी इनमे से जब कोई पत्थर डूब जाता है, तब उसे कुंड से निकाल कर पुनः पूरे श्रद्धा भाव से राम नाम की स्तुति के साथ जैसे ही कुण्ड में डालते हैं। पत्थर पुनः तैरने लगता है और भक्ति भाव और भी मजबूत और राममय हो जाता है।
खजाना महल में विशेष
रामसेतु पत्थर ही नहीं खजाना महल में लगभग 68 वर्ष पूर्व गड़ी गई बेशकीमती माणिक(Ruby) पत्थर से बनी 13650 कैरेट वज़नी राम दरबार की मूर्ति भी उस दिन से विशेष तौर पर पर्यटकों के अवलोकन के लिए रखी जाएगी।
यह भी एक अद्भुत संयोग है कि खजाना महल की जहां स्थापना हुई है, उस पवित्र भूमि पर और उसके आस-पास की जगह पर ही कलयुग का प्रथम जोकि राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने सन 1734 में करवाया था तथा पृथ्वी पर दूसरा अश्वमेध यज्ञ हुआ है, जिसकी वेदी, कुण्ड अभी भी साक्षात उस युग, उस महा पूजन की कहानी बयान कर रहे हैं। अश्वमेध यज्ञ भगवान श्रीराम ने भी आयोजन किया था।
बेशकीमती राम दरबार
खजाना महल में इन रामसेतु पत्थर के अलावा पर्यटकों को दुनिया के लगभग हर तरह के बेशकीमती पत्थर, हीरे, जवाहरात, आभूषण देखने को मिलते हैं। इस अवसर पर माणिक पत्थर के 13650 कैरेट के बेशकीमती राम दरबार को भी संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा। भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के अनूठे जेम्स एंड ज्वेलरी के म्यूजियम खजाना महल में जहां धरती ही नहीं आकाश से पृथ्वी पर गिरने वाले उल्कापिंड तक के पत्थरों, ज्वेलरी को एक भव्य राजमहल रूपी सेट में पर्यटकों के अवलोकनार्थ रखा गया है।