
अजमेर में करोड़ों की सरकारी जमीन पर बिल्डर का कब्जा! एडीए और प्रशासन पर उठे सवाल…!
ए-वन इन्फिनिटी ग्रुप पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप
अजमेर डवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) की भूमिका पर संदेह
प्रशासन की खानापूर्ति कार्रवाई, क्या पर्याप्त है सफेद लाइन खींचना?
उच्च अधिकारियों और मंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग
अजमेर,(dusrikhabar.com)। अजमेर में सरकारी जमीन पर कब्जे का बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि ए-वन (A-1) इन्फिनिटी ग्रुप ने करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर कॉलोनी विकसित कर दी। स्थानीय प्रशासन और अजमेर डवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जमीन का नाम हेमंत जैन से जुड़ा बताया जा रहा है। मुख्य सचिव से शिकायत के बाद अब एडीए और प्रशासन हरकत में आया है। हालांकि कार्रवाई महज़ खानापूर्ति जैसी ही दिख रही है।
तहसीलदार ने सरकारी जमीन पर कब्जे को रोकने के लिए सड़कों को थोड़ा सा तुड़वाया, लेकिन क्या इतनी कार्रवाई काफी है? सवाल उठता है कि बिना प्रशासन और अधिकारियों की मिलीभगत के कोई भी बिल्डर इतनी बड़ी कॉलोनी कैसे विकसित कर सकता है।
बताया जा रहा है कि ए-वन बिल्डर ने सरकारी जमीन पर डामर की सड़क तक बना दी। स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि यदि यही हाल रहा तो सरकारी जमीनों पर बिल्डरों का कब्जा लगातार बढ़ता रहेगा।
ADA उपायुक्त प्रवीण कुमार ने स्वीकार किया कि तहसीलदार द्वारा केवल छोटी-मोटी कार्रवाई की गई है। लेकिन अब मांग उठ रही है कि एडीए को तुरंत सरकारी संपत्ति का बोर्ड लगाना चाहिए, नाप-जोख और डिमार्केशन कराना चाहिए, और एवन बिल्डर द्वारा बनाई गई डामर रोड व अन्य निर्माणों को पूरी तरह से ध्वस्त करना चाहिए।
लोगों का कहना है कि प्रशासन को केवल औपचारिक कार्रवाई नहीं बल्कि सख्त नोटिस जारी कर बिल्डर के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए। वहीं सवाल यह भी है कि क्या यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा इस मामले पर संज्ञान लेंगे या यह खेल ऐसे ही चलता रहेगा।
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