
सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

सड़क सुरक्षा में भी राजस्थान बनेगा ‘मॉडल स्टेट: खाचरियावास
जयपुर। सोमवार को परिवहन मंत्री खाचरियावास की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की 18वीं बैठक शासन सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीएम अशोक गहलोत सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है। परिवहन विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जिस तरह ऑक्सीजन परिवहन का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन कर ‘मॉडल स्टेट‘ के रूप में पहचान बनाई, उसी तरह सड़क सुरक्षा में भी राजस्थान देश में ‘मॉडल स्टेट‘ बनेगा।
खाचरियावास ने कहा कि जयपुर से बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टस (बीआरटीएस) कॉरिडोर दुर्घटनाएं हो रही है। दिल्ली में हटाया जा चुका है। यूडीएच विभाग के अधिकारी जयपुर में भी कॉरिडोर को तुरंत हटाने की कार्यवाही करें। बैठक में प्रदेश में संचालित टोल प्लाजाओं के पास एनएचएआई द्वारा अस्पताल बनवाने का प्रस्ताव लिया हैं। इसमें राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को पत्र लिखा जायेगा। मंत्री ने कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं हाईवे पर होती हैं। टोल के पास अस्पताल और एंबुलेंस होने से घायलों को तुरंत ईलाज मिल सकेगा। खाचरियावास ने कहा कि मुख्य मार्गों के अलावा कॉलोनियों की गलियों में भी सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। सभी नगर निकाय कॉलोनियों के प्रवेश पर स्पीडब्रेकर, व्हाइट पट्टी लगाना सुनिश्चित की जाए।
परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार ने कहा कि बड़े ट्रकों के कारण ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इनकी स्पीड की निगरानी के लिए डैशबोर्ड पर कैमरे लगने चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का आंकलन कर दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास होना चाहिए।
परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद कर अस्पताल पहुंचाने वालों के प्रोत्साहन के लिए बजट में ‘जीवन रक्षक योजना‘ की घोषणा की गई थी। इसमें मददगार को 5 हजार रूपये और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। जल्द ही लागू कर रहे हैं। बैठक में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने हाईवे के नजदीक निजी अस्पताल संचालकों को सस्ती जमीन आवंटित कर अस्पताल खोलने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।बैठक में राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार, एडीजी पुलिस श्रीमति स्मिता श्रीवास्तव सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों और ने भी सड़क सुरक्षा के बेहतर प्रबंधन के लिए सुझाव दिए।
