वैदिक पंचांग-सप्तमी तिथि

वैदिक पंचांग-सप्तमी तिथि

*~ वैदिक पंचांग ~*

वैदिक पंचांग-सप्तमी ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा? 

जानिए वैदिक पंचांग से (सप्तमी) के बारे में 

दिनांक – 4 नवम्बर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन

पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी 00:59 (4 नवम्बर) तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – पुनर्वसु 07:57 तक त्तपश्चात पुष्य
योग – साध्य 13:03 तक तत्पश्चात शुभ
राहुकाल – 09:00 – 10:30 बजे तक
सूर्योदय – 06:35
सूर्यास्त – 17:34

दिशाशूल – पूर्व दिशा में
त्रिपुष्कर योग – 06:35 से 07:57 तक
रवि योग – 06:35 से 07:57 तक
व्रत पर्व – अहोई अष्टमी 05 नवम्बर 2023
राधा कुंड स्नान 05 नवम्बर 2023
कालाष्टमी 05 नवम्बर 2023
धन तेरस 10 नवम्बर 2023
छोटी दीवाली 11 नवम्बर 2023
बड़ी दीवाली 12 नवम्बर 2023

सोमवती अमावस्या 13 नवम्बर 2023
अन्नकुट 14 नवम्बर 2023
भाई दूज 15 नवम्बर 2023
गोपाष्टमी 20 नवम्बर 2023
आंवला नवमी 21 नवम्बर 2023
देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर 2023
व्रत की पूर्णिमा 26 नवम्बर 2023
स्नान दान की पूर्णिमा 27 नवम्बर 2023

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💥 विशेष:- सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

👉कार्तिक मास में गाय की सेवा का अनन्त फल मिलता है। गाय की सेवा मात्र से न केवल देवता प्रसन्न होते हैं अपितु पितृ भी बहुत जल्दी प्रसन्न व तृप्त होते हैं।

👉स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा का अमोघ उपाय – गाय का घी

👉देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है।

👉इसके सेवन से –

1. बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है।

2. स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती है।

3. अम्लपित्त (एसिडिटी) व कब्जियत मिटती है।

4. एक गिलास दूध में एक चम्मच गोघृत और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व   दिमागी कमजोरी दूर होती है।

5. युवावस्था दीर्घकाल तक रहती है । काली गाय के घी से वृद्ध व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है।

6. गर्भवती माँ घी – सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है।

7. गाय के घी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनता है । यह कोलेस्ट्रोल को नहीं बढ़ाता । दही को   मथनी से मथकर बनाये गये मक्खन से बना घी ह्रदयरोगों में भी लाभदायी है।

8. देशी गाय के घी में कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता है।

👉ध्यान दें : घी के अति सेवन से अजीर्ण होता है । प्रतिदिन १० से १५ ग्राम घी पर्याप्त है।

👉नाक में घी डालने से –

1. मानसिक शांति व मस्तिष्क को शांति मिलती है।
2. स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति बढ़ती है।
3. आधासीसी (माइग्रेन) में राहत मिलती है।
4. नाक की खुश्की मिटती है।
5. बाल झड़ना व सफ़ेद होना बंद होकर नये बाल आने लगते हैं।
6.शाम को दोनों नथुनों में २ – २ बूंद गाय का घी डालने तथा रात को नाभि व पैर के तलुओं में गोघृत लगाकर सोने से गहरी नींद आती है।

👉मात्रा : ४ से ८ बूंद

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👉गोघृत से करें वातावरण शुद्ध व पवित्र:

👉अग्नि में गाय के घी की आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदुषण और आण्विक विकिरणों से मुक्त हो जाता है । मात्र १ चम्मच गोघृत की आहुति देने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती है, जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं है ।

👉गोघृत और चावल की आहुति देने से कई महत्त्वपूर्ण गैसे जैसे –इथिलिन ऑक्साइड, प्रोपिलिन ऑक्साइड, फॉर्मलडीहाइड आदि उत्पन्न होती है । इथिलिन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है,  जो शल्य – चित्किसा (ऑपरेशन) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी है ।

👉 मनुष्य-शरीर में पहुँचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता गोघृत में है ।

👉ज्योतिषीय परामर्श के लिए पूनम गौड को 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।

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