रिश्वत में अस्ममत प्रकरण में RPS के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति, Ips की निलंबन अवधि बढ़ाई
रिश्वत में अस्मत मांगने वाले नौकरी से बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति, आईपीएस मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि बढ़ाई
जयपुर। राज्य सरकार ने रिश्वत में अस्मत मांगने वाले पद से हटाए गए तत्कालीन एसीपी कैलाश बोहरा के खिलाफ जांच के लिए अभियोजन स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त आईपीएस मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि भी 6 माह के लिए और बढ़ा दी है। अग्रवाल की निलंबन अवधि पूर्व में 120 दिन के लिए बढ़ाई गई थी, जो 31 जुलाई को पूरी हो रही है।
जयपुर में रिश्वत के बदले रेप पीड़िता से उसकी अस्मत मांगने वाला पूर्व एसीपी कैलाश बोहरा फिलहाल एसीबीकी गिरफ्त में है। पुलिस ने उसे युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। आरोपी कैलाश बोहरा 1996 में बतौर उप निरीक्षक पुलिस में भर्ती हुआ था। वह जयपुर के बजाज नगर, सदर, शिवदासपुरा सहित कई अन्य थानों में निरीक्षक रहा है। दुष्कर्म केस की जांच के बहाने आरोपी 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था। पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, बाद में पीड़िता से अस्मत मांगना शुरू कर दिया। दरअसल, पीड़िता ने जयपुर में शादी का झांसा देकर देहशोषण करने, धोखे से गर्भपात कराने का एक युवक व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की एवज में वह उसकी अस्मत मांग रहा था। परेशान होकर पीड़िता ने एसीबीसे पूरे मामले की शिकायत की थी।
सौजन्य: राजस्थान का पंछी न्यूज