भारतीय प्रमाणन (आईसीएमईडी) प्लस योजना शुरू
भारतीय गुणवत्ता परिषद - चिकित्सा उपकरण का प्रमाणन
जयपुर। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैन्युफैक्चरर्स ऑफ मेडिकल डिवाइसेस (एआईएमईडी) ने चिकित्सा उपकरणों के भारतीय प्रमाणन (आईसीएमईडी) योजना में कई अन्य सुविधाओं को जोड़ा है। चिकित्सा उपकरणों के प्रमाणन के लिए आईसीएमईडी योजना को 2016 में शुरू किया गया था। नई योजना को आईसीएमईडी 13485 प्लस नाम दिया गया है। यह चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता का सत्यापन करेगी। आईसीएमईडी 13485 प्लस योजना को शुक्रवार को डिजिटल तरीके से शुरू किया गया। इस अवसर पर भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दुनिया की पहली ऐसी योजना
आईसीएमईडी 13485 प्लस को निश्चित उत्पाद मानकों एवं विनिर्देशों के संदर्भ में उत्पादों के प्रमाणन परीक्षण के जरिये गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के घटकों और उत्पाद संबंधी गुणवत्ता सत्यापन प्रक्रियाओं को एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह दुनिया की पहली ऐसी योजना है जिसके तहत गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के साथ-साथ उत्पाद प्रमाणन मानकों को नियामकीय आवश्यकताओं के साथ एकीकृत किया गया है। यह योजना भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के लिए एक एंड टु एंड क्वालिटी एश्योरेंस योजना होगी।

कम होगा नकली का खतरा
यह योजना उत्पाद की गुणवत्ता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यावश्यक संस्थागत ढ़ांचा उपलब्ध कराती है। यह नकली उत्पादों और नकली प्रमाणीकरण के खतरे से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए खरीद एजेंसियों की सहायता करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगी। यह घटिया चिकित्सा उत्पादों या संदिग्ध मूल के उपकरणों के प्रचलन और उपयोग को समाप्त करने में भी मदद करेगी क्योंकि ऐसे उपकरण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (सेवानिवृत्त) और आईसीएमईडी के संचालन समिति के अध्यक्ष केएल शर्मा ने कहा, ‘आईसीएमईडी प्लस का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद और भू-राजनीतिक तौर पर ऐसे महत्वपूर्ण समय में आया है जब दुनिया कुछ एकाधिकार वाले देशों के इतर देख रही है। यह भारत को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपकरणों के एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माता के तौर पर स्थापित कर सकता है।’