इस मंत्र से दूर होंगे सभी संकट
जयपुर। जीवन में सुख और दुख आते-जाते रहते हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख और शान्ति चाहता है। जीवन सुख से कट रहा होता है, लेकिन अचानक एक मोड़ पर हमें अनजाने संकट का सामना करना पड़ जाता है। कई बार यह संकट ऐसा होता है कि इसके समाधान का कोई रास्ता भी हमें दिखाई नहीं पड़ता। इस समय न तो हमार संचय किया हुआ धन काम आता है औन न ही कोई रुतबा या जान-पहचान। ऐसे में ईश्वर ही एकमात्र सहारा नजर आने लगते हैं। कुछ समय के लिए हम ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पित हो जाते हैं। यकीन मानिए उस समय हमारे मन-मस्तिष्क के तार सीधे ईश्वर से जुड़ जाते हैं। ऐसे में एक मंत्र हमें हर प्रकार के संकट से मुक्ति दिला सकता है।
यह मंत्र है- दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
यह श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड की चैपाई है। श्रीरामचरित मानस की हर चैपाई अपने आप में एक मंत्र का प्रभाव रखती है।
यहां हनुमानजी लंका दहन के बाद माता सीता से आज्ञा मानने अशोक वाटिका जाते हैं तो सीता माता हनुमानजी से कहती है कि वे उनका यह संदेश प्रभु श्रीराम तक पहुंचा दें –
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।। (अर्थात दीनों पर दया करना तो आपका विरद है, उसी विरद को याद करके हे नाथ आप मेरे इस भारी संकट को हर लीजिए।)
यूं तो श्रीरामचरित मानस के मंत्रों के जाप एवं सिद्धि के अपने नियम हैं, लेकिन बिना किसी नियम के मन को एकाग्र कर किसी भी अवस्था में इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है।

जय सिया राम
