वैदिक पंचांग से जानें, कैसा रहेगा आपका आज…?
वैदिक पंचांग
वैदिक ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार आज का पंचांग कैसे शुभ होगा?

सेलीब्रिटी ज्योतिष पूनम गौड़
वैदिक (Panchang) पंचांग दिनांक – 16 सितम्बर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रथमा 09:16 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 07:34 तक तत्पश्चात हस्त
योग – शुक्ल 04:11(17सितम्बर) तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल – 09:18 से 10:50 बजे तक
सूर्योदय – 06:15
सूर्यास्त – 18:27
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
पंचक – 26 सितंबर 2023, 20:28 से 30 सितंबर 2023 को 21:08 तक
व्रत पर्व – 18 सितंबर हरितालिका व्रत सोमवार
19 सितंबर श्रीसिद्धिविनायक गणेशचतुर्थी मंगलवार
20 सितंबर ऋषि पंचमी व्रत पूजा बुधवार
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💥 वैदिक विशेष:- प्रथमा को कुष्मांड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि ये धन का नाश करने वाला होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खण्ड 27.29-38)
👉शनिवार को अपने घर की यात्रा को छोड़ कर कहीं और कि यात्रा नहीं करनी चाहिए।
👉पंचांग (Panchang)के अनुसार 19 सितम्बर, मंगलवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। भविष्य पुराण के अनुसार ‘भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का नाम ‘शिवा’ है। इस दिन किये गये स्नान, दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म सौ गुना हो जाते हैं। इस दिन जो स्त्री अपने सास-ससुर को गुड़ के तथा नमकीन पुए खिलाती है वह सौभाग्यवती होती है। पति की कामना करनेवाली कन्या को विशेषरूप से यह व्रत करना चाहिए।
गणेश-कलंक चतुर्थी
👉 ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न-निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है।
👉इस वर्ष – 18 सितम्बर 2023 सोमवार को चंद्र दर्शन निषेध चन्द्रास्त : रात्रि 08:40 एवं 19 सितम्बर, मंगलवार को चंद्र दर्शन निषेध चन्द्रास्त : रात्रि 09:18
👉वैदिक भारतीय शास्त्रों में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया है इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल में मिथ्या कलंक लगता है। भगवान श्री कृष्ण को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में विस्तार से वर्णित हैं।
भाद्रशुक्लचतुथ्र्यायो ज्ञानतोऽज्ञानतोऽपिवा।
अभिशापीभवेच्चन्द्रदर्शनाद्भृशदु:खभाग्॥
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👉अर्थातः जो जानबूझ कर अथवा अनजाने में ही भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करेगा, वह अभिशप्त होगा। उसे बहुत दुःख उठाना पडेगा। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लेने पर कलंक अवश्य लगता है। ऐसा गणेश जी का वचन है।
👉 (Panchang) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करें यदि भूल से चंद्र दर्शन हो जाये तो उसके निवारण के निमित्त श्रीमद्भागवत के दसवें स्कंध, 56-57वें अध्याय में उल्लेखित स्यमंतक मणि की चोरी कि कथा का श्रवण करना लाभकारक है। जिससेे चंद्रमा के दर्शन से होने वाले मिथ्या कलंक का ज्यादा खतरा नहीं होगा।
👉यदि अनिच्छा से चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। मंत्र का 21, 54 या 108 बार जप करें। ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता है। मंत्र निम्न है:-
सिंहः प्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः॥
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👉अर्थात: सुंदर सलोने कुमार! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान ने उस सिंह का संहार किया है, अतः तुम रोओ मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, अध्यायः 78) चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है। इस मंत्र-प्रयोग अथवा स्यमन्तक मणि कथा के वचन या श्रवण से उसका प्रभाव कम हो जाता है।